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यादों के झरोखे से लेखनी कहानी मेरी डायरी-14-Nov-2022 भाग 22


                     रानी खेत की यात्रा

  उसके बाद उस गार्डन मे घूमने के लिए एक गाइड से   बात की और वह हमें वहाँ घुमाने केलिए तैयार होगया। हम लगभग बीस लोग उसके साथ चल दिए। 

  गाइड हमें वहाँ लगरही अनेक जडी़ बूटियौ के विषय में बताने लगा।  पहाडौ़ पर अनेक प्रकार की जडी़ बूटी पाई जाती है। हमारे आयुर्वेद में इनका प्रयोग अनेक रोगौ को ठीक करने में आज भी किया जाता है ।

     उस गाइड ने भी हमें आनेक रोगौ में प्रयोग में आने वाली जडी़ बूटियौ के नाम बताये  एक पौधे से एक डाली तोड़कर वह हमें समझाता हुआ बोला इस पौधे को जहाँ दर्द  हो  रहा वहा़ घुमाने  से दर्द विल्कुल ठीक होजाता है।  इसे वहाँ तीन चार लोगौ नै आजमाया फायदा तो हुआ लेकिन उतने हिस्से पर सूजन आगयी।

 इसको मेरी पत्नी ने भी अपने पैर पर लगवाया  उसका दर्द भी ठीक हुआ। वहाँ और भी  बहुत कुछ बताया था।

   वहाँ से  हम एक दो मन्दिर भी गये इसके बाद हमने एक होटल में  कमरा लिया।  हम सबने  उसके बाद खाना खाकर बाहर घूमने की सोची परन्तु होटल वाले ने मना कर दिया उसने बताया कि यहाँ आठ बजे तक पूरा बाजार बन्द होजाता है।

     यहाँ रात को दो चार बार जंगली जानवर घूमने आ जाते है इस लिए यहाँ पर रात को निकलना मना है। आतः हम सब भी खाना खाने के बाद अपने कमरे में ही सो गये।

  हम सुबह नहाकर अप वापिस चलने का प्रोग्राम बनाने लगे।  सुबह नाश्ता किया और गुरुग्राम की  तरफ बापिस चल दिये। 

    अब दो दिन की थकान भी थी इस लिए रास्ते में केवल रामपुर में खाना खाने के लिए अवश्य रुके इसके अलावा कही नहीं रूके। और हम शाय को गुरुग्राम बापिस पहुँच गये।

  इस तरह तीन दिन नैनीताल व रानी खेत की यात्रा करके आनन्द लिया।

   आगे किसी नयी यात्रा का वर्णन अगले भाग में  पढि़ये।

नरेश शर्मा " पचौरी "

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7 Comments

Radhika

05-Mar-2023 08:19 PM

Nice

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shweta soni

03-Mar-2023 10:05 PM

👌👌👌

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अदिति झा

03-Mar-2023 02:30 PM

Nice 👍🏼

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